Nitish Kumar with Sharad Yadav
Author :Dr. Amardeep | Date :10 Apr 2016
आज दिल्ली में सम्पन्न हुई जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार को पार्टी का नया अध्यक्ष चुन लिया गया। वक्त की ‘नजाकत’ देख पिछले दस वर्षों से पार्टी के अध्यक्ष रहे शरद यादव ने बड़ी ‘शालीनता’ से अपने पद से इस्तीफा दे स्वयं नीतीश के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार नए अध्यक्ष के चयन के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी का फैसला काफी नहीं है, इस पर राष्ट्रीय परिषद का अनुमोदन भी आवश्यक है। 23 अप्रैल को पटना में ये ‘औपचारिकता’ भी पूरी कर ली जाएगी। सरकार और संगठन पर ‘निर्णायक’ पकड़ पहले भी नीतीश की थी लेकिन अब वे दोनों के ‘विधिवत’ सर्वेसर्वा हो गए।
बता दें कि शरद यादव लगातार तीन कार्यकाल तक पार्टी के अध्यक्ष रहे जबकि पार्टी संविधान किसी को भी दो बार से अधिक अध्यक्ष बनने की इजाजत नहीं देता। पिछली बार उन्हें पार्टी के संविधान में संशोधन कर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन इस बार शरद ने अध्यक्ष बनने से यह कहते हुए ‘इनकार’ कर दिया था कि पार्टी संविधान में दूसरी बार संशोधन करना ठीक नहीं। आज की बैठक में अपने बड़े ही भावुक भाषण में उन्होंने अध्यक्ष ना रहकर भी पहले की तरह ‘सक्रिय’ रहने की बात कही।
समय की ‘करवट’ से आज पार्टी की कमान भले ही नीतीश के हाथों में जा रही हो लेकिन जेडीयू के निर्माण और उत्थान में शरद यादव की भूमिका को नकारना सम्भव नहीं। आज नीतीश का कद जो भी हो लेकिन शरद की राष्ट्रीय पहचान उनसे बहुत पहले बनी। सुलझे हुए और मुद्दों को लेकर अनवरत संघर्षशील नेता के रूप में सदन के अंदर और बाहर उन्हें सम्मान के साथ देखा जाता रहा है। ऐतिहासिक मंडल कमीशन को सम्भव करने वाले चंद नेताओं में शरद भी रहे हैं, इसे कौन भूल सकता है..?
बहरहाल, नीतीश ने अध्यक्ष के रूप में अपने चुनाव के बाद ये जरूर कहा कि शरद उनके ‘मार्गदर्शक’ बने रहेंगे लेकिन नीतीश आज राजनीति के जिस मुकाम पर हैं और आगे जो ‘मुकाम’ पाना चाहते हैं, उसे देखते हुए आने वाले दिनों में उनका अपना ‘मार्ग’ और अपना ‘दर्शन’ हो जाय तो कोई आश्चर्य की बात नहीं। उनकी ताजपोशी के बाद जेडीयू का ‘आन्तरिक समीकरण’ और ‘भाजपाविरोधी ध्रुवीकरण’ क्या और कैसा होगा और उसमें शरद कहाँ और कितने होंगे, ये देखना दिलचस्प होगा। नीतीश अब बिना देर किए राष्ट्रीय लोकदल, झारखंड विकास मोर्चा और समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) के जेडीयू में विलय की प्रक्रिया में लगेंगे और यहीं से जेडीयू और शरद के आने वाले कल की झलक भी मिलनी शुरू हो जाएगी।
‘बोल बिहार’ के लिए डॉ. अमरदीप